किसी शहर में, एक आदमी प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था . वो अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं था , हर समय वो किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था .
एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक महात्मा का काफिला रुका . शहर में चारों और उन्ही की चर्चा थी.
बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचने लगे ,उस आदमी ने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया .
छुट्टी के दिन सुबह -सुबह ही उनके काफिले तक पहुंचा . बहुत इंतज़ार के बाद उसका का नंबर आया .
वह बाबा से बोला ,” बाबा , मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ , हर समय समस्याएं मुझे घेरी रहती हैं , कभी ऑफिस की टेंशन रहती है , तो कभी घर पर अनबन हो जाती है , और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ ….
बाबा कोई ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं ख़त्म हो जाएं और मैं चैन से जी सकूँ?
बाबा मुस्कुराये और बोले, “ पुत्र , आज बहुत देर हो गयी है मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा … लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे …?”
“हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं, मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका खयाल रखो …जब सौ के सौ ऊंट बैठ जाएं तो तुम भी सो जाना …”,
ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए ..
अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले और पुछा , “ कहो बेटा , नींद अच्छी आई .”
वो दुखी होते हुए बोला, “कहाँ बाबा, मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया. मैंने बहुत कोशिश की पर मैं सभी ऊंटों को नहीं बैठा पाया , कोई न कोई ऊंट खड़ा हो ही जाता …!!!
बाबा बोले, “ बेटा, कल रात तुमने अनुभव किया कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते …तुम एक को बैठाओगे तो कहीं और कोई दूसरा खड़ा हो जाएगा....इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी ..
पुत्र जब तक जीवन है ये समस्याएं तो बनी ही रहती हैं … कभी कम तो कभी ज्यादा ….”
“तो हमें क्या करना चाहिए ?” , आदमी ने जिज्ञासावश पुछा .
“इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो …
कल रात क्या हुआ ?
1) कई ऊंट रात होते -होते खुद ही बैठ गए ,
2) कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए ,
3) बहुत से ऊंट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे … और बाद में तुमने पाया कि उनमे से कुछ खुद ही बैठ गए ….
कुछ समझे ….?? समस्याएं भी ऐसी ही होती हैं..
1) कुछ तो अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ,
2) कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो …
3) कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होतीं ,
ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो … उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाती हैं.!!
जीवन है, तो कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी …. पर इसका ये मतलब नहीं की तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो …समस्याओं को एक तरफ रखो और जीवन का आनंद लो…चैन की नींद सो …जब उनका समय आएगा वो खुद ही हल हो जाएँगी"...
एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक महात्मा का काफिला रुका . शहर में चारों और उन्ही की चर्चा थी.
बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचने लगे ,उस आदमी ने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया .
छुट्टी के दिन सुबह -सुबह ही उनके काफिले तक पहुंचा . बहुत इंतज़ार के बाद उसका का नंबर आया .
वह बाबा से बोला ,” बाबा , मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ , हर समय समस्याएं मुझे घेरी रहती हैं , कभी ऑफिस की टेंशन रहती है , तो कभी घर पर अनबन हो जाती है , और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ ….
बाबा कोई ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं ख़त्म हो जाएं और मैं चैन से जी सकूँ?
बाबा मुस्कुराये और बोले, “ पुत्र , आज बहुत देर हो गयी है मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा … लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे …?”
“हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं, मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका खयाल रखो …जब सौ के सौ ऊंट बैठ जाएं तो तुम भी सो जाना …”,
ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए ..
अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले और पुछा , “ कहो बेटा , नींद अच्छी आई .”
वो दुखी होते हुए बोला, “कहाँ बाबा, मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया. मैंने बहुत कोशिश की पर मैं सभी ऊंटों को नहीं बैठा पाया , कोई न कोई ऊंट खड़ा हो ही जाता …!!!
बाबा बोले, “ बेटा, कल रात तुमने अनुभव किया कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते …तुम एक को बैठाओगे तो कहीं और कोई दूसरा खड़ा हो जाएगा....इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी ..
पुत्र जब तक जीवन है ये समस्याएं तो बनी ही रहती हैं … कभी कम तो कभी ज्यादा ….”
“तो हमें क्या करना चाहिए ?” , आदमी ने जिज्ञासावश पुछा .
“इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो …
कल रात क्या हुआ ?
1) कई ऊंट रात होते -होते खुद ही बैठ गए ,
2) कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए ,
3) बहुत से ऊंट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे … और बाद में तुमने पाया कि उनमे से कुछ खुद ही बैठ गए ….
कुछ समझे ….?? समस्याएं भी ऐसी ही होती हैं..
1) कुछ तो अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ,
2) कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो …
3) कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होतीं ,
ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो … उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाती हैं.!!
जीवन है, तो कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी …. पर इसका ये मतलब नहीं की तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो …समस्याओं को एक तरफ रखो और जीवन का आनंद लो…चैन की नींद सो …जब उनका समय आएगा वो खुद ही हल हो जाएँगी"...
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